देहरादून। तुलाज इंस्टीट्यूट में आज श्रिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस इन नैचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। तुलाज इंस्टिट्यूट की कार्यकारी निदेशक सिल्की जैन ने बताया, ष्इस कार्यशाला में रिमोट सेंसिंग और नैचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट की आधुनिक बुनियादी बातों और लागू पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। नैचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट में रिमोट सेंसिंग और जीआईएस का उपयोग मुख्य रूप से मानचित्रण प्रक्रिया में किया जाता है। इन तकनीकों का उपयोग विभिन्न प्रकार के मानचित्रों को बनाने के लिए किया जा सकता है। हालांकि इन मानचित्रों को बनाने से पहले विभिन्न प्रकार का डेटा होता हैं जिसे एकत्र करने और उसका विश्लेषण करने की आवश्यकता होती है। यह अधिकांश डेटा रिमोट सेंसिंग तकनीक की मदद से एकत्र किया गया है। विभिन्न राष्ट्रों के लिए यह जानना आवश्यक है कि इन संसाधनों का उपयोग किस तरीके से किया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका लाभ वर्तमान के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों को भी मिल सके। इस कार्यशाला का संचालन विभिन्न पेशेवरों द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ कुनाल कुमार दास, विशाल शर्मा, डॉ मनोज कुमार, एसएन सिंह, वैभव श्रीवास्तव और चरणजीत सिंह अतिथि वक्ता के रूप में मौजूद रहे।
कार्यशाला का आयोजन